नही देखा वर्षो से
हमने भी कभी भी।
हा आ जाती है याद
जब उनकी भी कभी।
तो देख लेते है आइना
चुपके से हम भी कभी।
लेकिं देखा हमने सहसा
जैसे ही आइने की तरफ
दिखी हमको ऐसी नज़र
जंग लगे इस आईने में
दिखती नही जिसमे हमे
अपने साजन की नज़र।।
●आकिब जावेद●
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