लफ़्ज़ आते नही ज़ुबाँ पे
मैं तन्हा तन्हा सा रहता हूँ
चारो तरफ़ तो यूं भीड़ हैं
मैं ही गुमनाम सा रहता हूँ
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"सपने वो नहीं जो नींद में देंखें,सपने वो हैं जो आपको नींद न आने दें - ए० पी०जे०अब्दुल कलाम "
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