मुलाज़िम हूँ,।।।एक शेर

मुलाज़िम हूँ,सदा ही काम करता हूँ,ये सोचता हूँ
सदा मुझको डराने को बवंडर रोज़ आते हैं।

-आकिब जावेद

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