वो मासूमो से खेलने वाला बचता जाएगा
इन खेलों में आम इंसा ही पिसता जाएगा।।
दर्द से चीख रही वो सब मासूम बच्चियां।
दरिंदगी को कब तलक मिटाया जाएगा।।
आसिफा हो या की निर्भया जैसी बच्चियां।
दरिन्दों को कब तक बचाया जाएगा।।
हर लम्हा किसी न किसी को घूरती निगाहे
बच्चो को नैतिकता का पाठ पढ़ाया जाएगा।।
कुंठित सोच के है लोग सब यहाँ
समाज से बुराइयों को कब हटाया जाएगा।
धर्म जाती में सब अपने है यहाँ उलझे हुए
तेरे साथ जब ऐसा होगा तो सहमा जाएगा।
आज वो है कल वहाँ तुम होंगे
अगला निशाना तुम्हे बनाया जाएगा।।
-आकिब जावेद
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