लगातार हो रहे बलात्कार पर एक शेर के माध्यम से अपनी पीड़ा व्यथित करने का प्रयास

बलात्कारी खुला घूमते,उनका कोई धर्म ईमान नही

करते जो मजहब के नाम पे तरफ़दारी वो हैवान है इंसान नही।।

-आकिब जावेद

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