सियासत में सियासत होती है देख जनता रोती है
भूखी,रूखी,सुखी जो मिल जाये खा कर चुप सोती है
-आकिब जावेद
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सियासत में सियासत होती है देख जनता रोती है
भूखी,रूखी,सुखी जो मिल जाये खा कर चुप सोती है
-आकिब जावेद
"सपने वो नहीं जो नींद में देंखें,सपने वो हैं जो आपको नींद न आने दें - ए० पी०जे०अब्दुल कलाम "
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