मुक्तक

विषय : स्त्री पुरुष की नोक झोंक

आज आप  इतना  क्यू  लेट आए है
कँही खाना क्या भर पेट खा खाए है
लगता मुझे कुछ कँही गड़बड़ हुई है
तभी तो आप अपना फोन छिपाए है

नही  प्रिये  आज थोड़ा  काम आया था
घर  खर्च  का कर मै इंतज़ाम आया था
मुश्किल  पड़ती  है यूँ घर को चलाने में
आज फोन कर दूसरे के नाम आया था

-आकिब जावेद
(मौलिक/स्वरचित)

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