पत्थर दिल
बेख्याल सा रहता
घूमता रहा
घमंडी रहा
बेपरवाह फिरा
ऐसे ही रहा
तोड़ने वाले
तोड़ते ही रहते
मायूस हुआ
चाहत रही
दिल में बसाने की
अधूरी रही
सोचता रहा
मिलेंगे एक दिन
ख्वाईश रही।।
#akib
पत्थर दिल
बेख्याल सा रहता
घूमता रहा
घमंडी रहा
बेपरवाह फिरा
ऐसे ही रहा
तोड़ने वाले
तोड़ते ही रहते
मायूस हुआ
चाहत रही
दिल में बसाने की
अधूरी रही
सोचता रहा
मिलेंगे एक दिन
ख्वाईश रही।।
#akib
"सपने वो नहीं जो नींद में देंखें,सपने वो हैं जो आपको नींद न आने दें - ए० पी०जे०अब्दुल कलाम "
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