नारी


मत मुझे जान तू
कि मैं अबला हूँ
ना ही मुझे अकिंचन
समझ लेना तू
ना ही किसी के सहारे हूँ
ना किसी से भयभीत हूँ मैं
कमजोर समझने की,
भूल ना करना तू
हिम्मत नही हारी हूँ
मुर्ख मत समझना तू
ना मुझे बेसहारा
समझ लेने की गलती करना तू
कंधों से कंधा मिलाये मै
दुनिया में डटीं हुई हूँ मैं
अपने कंधों पर दुनिया उठाये
खुद के पैरों में खड़ी हूँ मैं
आज हर जगह हूँ मैं
किसी से नही डरी हूं मैं!!

®आकिब जावेद

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