उस सितमगर की यादे
बेसबब सबा में बह रही
मेरे साँसों में उतर कर
रूह में यूँ अब समा रही
दिल तड़प गया,
जाँ मचल रहा
अपनी तलाश में
ही दर बदर रहा
मुश्किल की घड़ी हैं
दिल सुनता न रहा
आँखे बेचैन अब
ख्वाबो में मिल रही
रूह से रूह की यूँ दूरी
बेदर्दी भी सह रही
दिल में दर्द देकर
देखो वो हँस रही!!
®आकिब जावेद
0 टिप्पणियाँ
Thanks For Visit My Blog.