#(2)आपके लिए अपनी अगली कहानी लेकर आया हु उम्मीद है,की आपको अच्छी लगेगी कहानी को पूरी पढ़े ,पढ़ कर बताये।।
अंजान शहर और मुलाकात
अरे सुनो,इतना कहते ही वह पुकारता है.कौन ?मुड कर उसका देखना होता है, अरे तुम!कंहा और यहाँ कैसे ?इतने दिनों बाद इस अंजान शहर में,इतने दिन कंहा थी?इतने सारे प्रश्न वो भी एक साथ पूछ डालता है. तभी वह कहती है, मेरी तो यहाँ एक संभ्रांत परिवार में शादी हुई है, मैं यही रहती हूं,लेकिन तूम यहाँ क्या कर रहे हो,उस लड़की ने उस लड़के को उत्तर दिया।राज जो उस लड़के का नाम होता है,वह कहता है की मै अपने काम के सिलसिले में यहाँ आया हु,और अचानक तुम पर निगाह पड गयी ,ये जिंदगी भी किस मोड़ पर किसे दुबारा मिला दे,इतना कहना होता है उस लड़के का ,की लड़की कहती है की मैं अब चल रही हु ,मुझे बहुत देर हो रही है, अब मुझे घर चलना चाहिए,लड़का उससे और बात करना चाहता था,वह उसे मानाने की और कोसिश करने लगा लेकिन लड़की वही पुरानी जिद्दी स्वाभाव की,जब जिद करती तो और प्यारी लगती ,जैसे उस पर सब कुछ न्यौछावर कर उसके लिए सब कुछ भूल जाये,लड़का मान जाता है, और उससे उसका पुनः फ़ोन नंबर मांगता है, लड़की उसको फ़ोन नंबर देती है, आखिर दोनों कॉलेज में पुराने दोस्त थे ,और काफी दिनों बाद किस्मत से मुलाकात हुई थी,लड़का उस लड़की से मिलने के बाद कॉलेज के उन पुराने दिनों को याद करने लगता हैं, की जब उसने कॉलेज में एडमिशन लिया था.शहर का मशहूर कॉलेज था ।किसी का दाखीला मिलता न था जल्दी,पढ़ने में होशियार होने के कारन उसको दाखिला मिल गया था ,जब दाखीला लेने कॉलेज गया तभी उसकी मुलाकात उसके ही कॉलेज में पढ़ने वाली लड़की हुमा से होती है।हुमा एक बहुत ही सुंदर ,लंबे कद की थोड़ा शर्मीली किस्म की लड़की थी,वह किसी से ज्यादा नही बोलती थी,और राज एक तेज लड़का था.राज कॉलेज से MBA कर रहा था.और हुमा MA economics की छात्रा थी,दोनों कॉलेज में थे,अपना कॉलेज जाते पढ़ते,लेकिन दोनों एक दूसरे से काफी दिनों तक बाते नही की,राज को हुमा पसंद तो थी लेकिन उसने कभी हुमा से कहा नही कन्यूकि दोनों अलग अलग विभाग के थे,संयोग से कॉलेज में एनुअल फंक्शन होना था,सभी लड़के लड़कियो को इसमें भाग लेना था ,सभी विभागों से तभी राज और हुमा बहुत अच्छे दोस्त बन जाते है, रात रात भर सोशल मीडिया,मैसेज ,फोन पर बात होना शुरू हो जाती है, इस तरह उनका कॉलेज में दिन गुजरने शुरू हो जाते है, समय का पता ही नही चला की कब दिन गुजर जाते है, और कॉलेज खतम हो जाता है, अब हुमा और राज काफी परेसान होते है कि क्या करे राज हुमा को शादी के लिए कहता है, लेकिन हुमा एक मुश्लिम लड़की रहती हैं, राज एक हिन्दू लड़का रहता हैं, हुमा और राज के घर वाले इस बात को नही मानते है, तभी हुमा की शादी कर दी जाती हैं ,राज और हुमा बिछड़ जाते हैं, राज की भी नौकरी लग जाती हैं, तब से अभी हुमा अचानक राज के सामने आयी थी,राज को अपने आँखो पर विश्वास ही नही हो रहा था ,की कंही ये सपना तो नही ,जिसको अपने मन मंदिर में सजाओ और अचानक आपकी देवी कंही मंदिर को छोड़ कर चली जाए,फिर जो असहया पीड़ा मन मंदिर में उठती है ,उसका दर्द किसी से नही कहा जा सकता है, इसी तरह राज के साथ था।लेकिन राज आज बहुत खुश सा था ,उसका इस अंजान शहर में फिर से हुमा से मिलना खुशियो को दोगुना किये जा रहा था।वो रात होते अपने होटल वापस आ जाता है, रात में वो अपने बिस्तर पर लेटे लेटे हुमा की यादो में खोया रहता हैं, की फ़ोन की घंटी बजती वो यादो में खोया हुआ होता हैं, तभी फ़ोन की घंटी दुबारा बजती है, और पूरे कमरे में आवाज गूँज सी जाती हैं, उसका ध्यान अब मोबाइल पर जाता हैं, और वह फ़ोन उठाता हैं, हेल्लो कौन?एक मीठी सी आवाज वह से आती हैं,हुमा, आप राज बोल रहे है?हा।राज ने उत्तर दिया।
अब राज सोचने लगा जिसके बारे में सोचो और उसका फोन आ जाये तो कितना अच्छा लगता हैं, उधर से हुमा ने कहा -कंहा खो गए??अरे कंही नही, जो सोचो वो न हो पाये,किस्मत की लकीर में आखिर क्या लिखा हैं, राज ये सब सोच रहा था।मुझे छोड़ कर कंहा चली गयी थी,तुम हुमा,राज ने हुमा से पूछा ।काफी देर तक बाते चलती रही ,हुमा ने राज को खाने पर अपने घर पर बुलाया।ठीक है आ जाऊँगा कहकर राज ने फ़ोन काट दिया।।रात भर राज बेचैनियों में रहा,नींद उसके आँखों से उड़ चुकी थी।वह रात भर सोचता रहा,क्या करे ।
अब सुबह वह अपना सारा काम निपटा देता है।
और उस अंजान शहर को छोड़ कर वापस अपने शहर के लिए रेलवे स्टेशन चला जाता है।
बिना किसी को कुछ बताये बिना किसी से कुछ कहे।
वह उस दर्द को दुबारा नही लेना चाहता जिससे वह गुजरा था.वह शहर और वो मुलाकात फिर उसके लिए अंजान ही रह जाती हैं।वह अपनी जिंदगी को फिर से उसी तरह जीने लगता हैं।जैसे पहले था।
अंजानी राहो में अनजाने लोग मिल जाते है, मिल कर फिर खो जाते है
लेकिन हमेशा वो याद आते है।।
धंयवाद पूरी कहानी पढ़ने के लिए।
लेखक
मो.आकिब जावेद
बिसँडा ,जिला :बाँदा ,उत्तर प्रदेस
Mob-9506824464
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