एक शे' र
खुले पिंजड़े में भी बैठा रहा पंछी,
उसे परवाज़ अपनी याद थोड़ी है।
आकिब जावेद
"सपने वो नहीं जो नींद में देंखें,सपने वो हैं जो आपको नींद न आने दें - ए० पी०जे०अब्दुल कलाम "
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