आज का मुक्तक

कला,धर्म,साहित्य में राजनीति न करना चाहिए
हिंदुस्तान के दिल में ज़हर अब न भरना चाहिए
बंट चुके कितने सब टुकड़ों टुकड़ों में यहां यारों
सब को मिलकर मुहब्बत से साथ रहना चाहिए।

आकिब जावेद

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