2212 2212 2212
अपनी ख़ुशी कैसे मनाऊँ मैं यहाँ
दर-दर भटक कर ईद थोड़ी होती है
-आकिब जावेद
"सपने वो नहीं जो नींद में देंखें,सपने वो हैं जो आपको नींद न आने दें - ए० पी०जे०अब्दुल कलाम "
Copyright (c) 2021 Awaj E Sukhan E Adab All Right Reseved
1 टिप्पणियाँ
सार्थक सन्देश।
जवाब देंहटाएंईद मुबारक।
Thanks For Visit My Blog.