ज़िन्दगी एक गाड़ी हैं- कविता

जिन्दगी एक गाड़ी है, संसार के तमाम स्टेशन मे यह रूकती है,,।
कभी दुःख का मौसम आता है, कभी सुख की फुलवारी आती है,,,।।

कभी कोई छोड़कर जाता है, कुछ बिन मांगे ही मिल जाता है,
राहो मे कांटे तो होगे,लेकिन अपने पथ पर निरन्तर
बढते चलो,,

हंसते हंसते सफर तय करना होगा,मंजिल की मत
फिकर करो,,।।
किराए के मकान मे है,क्यों न हम संसारी हो जाए,,।
छोड़ो सारे मायाजाल को,तोडा संयासी बन जाए,,,।।

आकिब जावेद

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ