हालात को मुश्किलों में फसा देखा।
कस्ती को भँवरों से निकलता देखा।।
साने इलाही का करिश्मा रहा हमपर। खुदा की रहमत से यूँ अब नफ़ा देखा।।
ज़िन्दगी में उथलपुथल रही यूँ ऐसे। खुदा के शान से बढ़ते हौसला देखा।।
हर एक ने यूँ छीटाकसी की हमपर। हमेशा बढ़ते क़दमो से सामना देखा।।
ज़िन्दगी ने खड़े किया हमे दोराहा पे। ज़िन्दगी ने ही "आकिब"कायदा देखा।।
-आकिब जावेद-
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