विषय- माँ
1-
अनमोल माँ
शीतल सी है छाया
धुप छाँव माँ
2-
सब सहती
यूं हँसती रहती
घर जैसी माँ
3-
रहती मन
दिखे मनभावन
सब रूप माँ
-आकिब जावेद
स्वरचित
विषय- माँ
1-
अनमोल माँ
शीतल सी है छाया
धुप छाँव माँ
2-
सब सहती
यूं हँसती रहती
घर जैसी माँ
3-
रहती मन
दिखे मनभावन
सब रूप माँ
-आकिब जावेद
स्वरचित
"सपने वो नहीं जो नींद में देंखें,सपने वो हैं जो आपको नींद न आने दें - ए० पी०जे०अब्दुल कलाम "
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