मिरा दिल फूल है पत्थर नही मैं ।।

समझते  है मुझे जो  ऐसे पत्थर
मिरा दिल फूल है पत्थर नही मैं

फिरता रहता हूँ ऐसे दर-बदर ही
तेरे  दिल  में है घर, बेघर नही मैं

-आकिब जावेद

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