धूप "हाइकू"

"धूप"हाइकू

पेड़ की डाल
मुसाफ़िर के हाल
बेहाल धूप

अँधेरा हटे
उजियारा निकले
काम की धूप

आती निकल
साथ ही सूरज के
ऊर्जा लाती है

मन बेहाल
ऐसे ठंड के हाल
सुकूँ है धूप

लाती सुकून
धूप छाँव सी लगे
ज़िन्दगी रूप

सूखे है रिश्ते
हो जज्बातों की धूप
यूं मन खिले

मन में ठण्ड
हैरान करती यूं
सकूँ है धूप

अँधेरे अब
मुह फेरे चले है
हंसे है धूप।।

-आकिब जावेद

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ