वक्त के ढेर में मिट गया वजूद
मुट्ठी में बंद होकर रह गया वजूद
पेड़ के डाल से टूट कर,
जैसे पत्ते का मिट गया वजूद
परिवार से अलग होकर,
इंसान का ना रहा कोई वजूद
आसमाँ में खूब उड़े इंसा
मगर मिट्टी से अलग होकर
इंसा का मिट गया वजूद।।
#akib #mitti #WorldSoilDay
-
0 टिप्पणियाँ
Thanks For Visit My Blog.