जनता के दरबार में सब हाज़िर हैं यहाँ सत्ताधारियों की भी सत्ता फिसलती है।।

जनता के दरबार में सब हाज़िर हैं यहाँ
सत्ताधारियों की भी सत्ता फिसलती है।।

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