आकर्षक मुख पृष्ठ के साथ बेहतरीन कलेवर इस अंक में प्रदर्शित हो रहा है।बेहतरीन ग़ज़लकारो के साथ ये ग़ज़ल विशेषांक अंक अपने आप में ख़ास है।देश के जाने पहचाने ग़ज़लकारो की शानदार ग़ज़ल इस अंक में साया हुई है।इस अंक की ख़ास बात यह भी हैं की जो ग़ज़ल सीखना चाहते है।उनके लिए विशेष रूप से ग़ज़ल के आलेख निकालें गए है।जो ग़ज़ल विशेषांक के इस अंक को विशेष बना रहा है।बेहतरीन संपादन और इतनी प्यारी पत्रिका को हम सब के बीच लाने के लिए आदरणीय दुर्गेश शाद जी एवं चिकीर्षा टीम का बहुत शुक्रिया।मेरी भी ग़ज़ल को आपने मान दिया इसके लिए दिल से शुक्रगुजार हूं।🌹♥️
आप पूरी पत्रिका पढ़ सकते है।👇
https://drive.google.com/file/d/13IVmFzIZzryJZfV5o533d3qO-9YV-sxB/view?usp=sharing
9 टिप्पणियाँ
बहुत बेहतरीन सिर👏
जवाब देंहटाएंबहुत शुक्रिया
हटाएंBahut behtarin hai
जवाब देंहटाएंबहुत शुक्रिया
हटाएंसच कहा है छोटे भाई
जवाब देंहटाएं"ये ही हकीकत है आज के ज़माने की ।
कुछ तो वजह है मेरी ख़ामोशी की।।"
बहुत शुक्रिया
हटाएंVery Nice Ajib Ji
जवाब देंहटाएंबहुत शुक्रिया
हटाएंआप सभी पाठको का बहुत शुक्रिया
जवाब देंहटाएंThanks For Visit My Blog.