कविता - उजास

दिनभर खालीपन से ऊब कर,
शाम ने आखिर करवट बदल ली,
रात ले आयी तिमिर !
जिसमें था ;डर, भय,निराशा,
सुबह लेकर फिर आयी,
उम्मीद,आशा,हौसला,
जीवन में
होगा पुनः
उजास!

-आकिब जावेद 


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