बाल दिवस ‎: ‏आज की शाइरी ‎-عاقب جاوید

भूख़ा था ऐसे भूख़ा ही रहा वो छोटा बच्चा,
ख़ामोशियों का रुतबा बढ़ता ही जा रहा है।

بھوکا  تھا ایسے بھوکا ہی رہا وہ چھوٹا بچہ
خاموشیوں کا رتبہ بڑھتا ہی جا رہا ہے

-आकिब जावेद©® عاقب جاوید


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