अपने अपने किरदारों को ढूँढता कौन है।।
कोई मरता हो मरे यहाँ सोचता कौन है।।
अपने अपने मज़हब को यहाँ सब मानेंगे।।
एक - दूजे को अब यहाँ रोकता कौन है।।
- आकिब जावेद
"सपने वो नहीं जो नींद में देंखें,सपने वो हैं जो आपको नींद न आने दें - ए० पी०जे०अब्दुल कलाम "
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