लेख : स्मार्ट एजुकेशन - वरदान भी अभिशाप भी

शिक्षा के महत्व को कभी भी कम करके नही आँका जा सकता है,अगर लार्ड ब्रोगम के शब्दों में कहे तो,शिक्षा लोगो का नेतृत्व आसान बनाता है,लेकिन उन्हें बाध्य करना मुश्किल बनाता है,उनका शासन आसान बना है पर उन्हें गुलाम बनाना असम्भव बना देता है।"यह कथन सत्य है क्यों कि शिक्षा के बिना मनुष्य भी एक पशु बनकर रह जाता है"।
भारत की वर्तमान शिक्षा प्रणाली ब्रिटिश प्रतिरूप पर आधारित है जिसे सन 1835 में लागू किया गया है।
जैसा कि हम जानते है कि शिक्षा हमारे जीवन का बहुमूल्य हिस्सा है।शिक्षा के द्वारा ही समाज का सुधार होता है।आज की शिक्षा प्रणाली में भी स्मार्ट क्लास से क्रांति आयी है।अब कक्षाओं में छात्रों की पढ़ाई,पहले से ज्यादा सुविधाजनक और हाईटेक हो गई है।
देश के कई स्कूलों में ब्लैकबोर्ड के जगह प्रोजेक्टर्स टीचर के हाथ में चाक की जगह स्टाइलिश डिवाइस और बच्चो के हाथ में पेन,पेंसिल की जगह रिमोर्ट कंट्रोल आ गए है।अब सभी स्कूल स्मार्ट हो रहे है और अब क्लास स्मार्ट क्लास स्कूल में जरूरी हो गयी है।
स्मार्ट क्लास से पढ़ाना बहुत सरल हो गया है अब शिक्षक को लिखने का प्रयास नही करना पड़ता बस क्लिक करो बच्चो को हर चीज़ वीडियो पिक्चर्स और ग्राफिक्स के जरिए समझाई जाती है।टेस्ट देने के लिए भी हाईटेक तरीके का इस्तेमाल किया जा रहा है।छोटे छोटे बच्चो को बेसिक ज्ञान चित्रों के माध्यम से,स्मार्ट स्लेट के जरिए रुचिकर रूप से दिया जा रहा है।बच्चो स्मार्ट क्लास में रुचिपूर्ण रूप से समझ विकसित कर रहे है।बच्चो को विज्ञान,इतिहास,हिंदी,अंग्रेज़ी के पाठो को प्रोजेक्टर एवं विभिन्न प्रकार के ऐप के माध्यम से मॉड्यूल आधारित शिक्षा प्रदान की जा रही है।प्रोजेक्टर पर प्रश्न देखते ही छात्र रिमोर्ट के जरिए अपना जवाब देंगे और तुरन्त सही, गलत का पता भी चल जाएगा।पढ़ाई का तरीका बदलने वाली ये टेक्नोलॉजी न सिर्फ बच्चो के लिए दिलचस्प है बल्कि शिक्षको के लिए भी आसान है।किंडर गार्डन से लेकर 12 वीं क्लास के ये मॉड्यूल आई सी एस ई ,सी बी एस ई बोर्ड के अलावा स्टेट बोर्ड में भी उपलब्ध है।अगस्त 2019 से मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा सरकारी विद्यालय के अध्यापकों को प्रशिक्षित करने हेतु निष्ठा प्रशिक्षण भी करवाया गया है जिसमे देश भर के समस्त अध्यापकों को प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है कि कैसे आई सी टी ,यूट्यूब,मोबाइल,बार कोड एसकैनिंग का प्रयोग सीख कर स्कूलों में इसका प्रयोग किया जा सके। दीक्षा ऐप एवं ई पाठशाला के माध्यम से बच्चो के विषय से सम्बंधित मॉड्यूल को स्मार्ट तरीके से शिक्षण अधिगम में परिवर्तन किया जाए एवं बच्चो को सरकारी स्कूलों में भी स्मार्ट शिक्षा प्रदान की जाए।
अभी हाल ही में कोरोना वायरस के चलते देश भर में प्राइवेट एवं सरकारी स्कूलों को बंद कर दिया गया है।जिससे बच्चो का भविष्य अन्धकारमय नज़र आ रहा था परन्तु स्मार्ट एजुकेशन की उपयोगिता यहाँ पर देखने को मिलती है बच्चो की पढ़ाई से सम्बंधित मॉड्यूल को एक व्हाट्सअप समूह जो कि लगभग सभी स्कूल का बनाया गया है उसमे शिक्षक भेज रहे है।जिसका बच्चे अपने माता पिता के सहयोग से घर में ही शिक्षा प्राप्त कर पा रहे एवं स्मार्ट एजुकेशन का लाभ उठा पा रहे है।हालांकि इसमें थोड़ा सा कमी यह है कि जहाँ एक तरफ बड़े शहरो के बच्चे इसका लाभ उठा पा रहे है वहीँ दूसरी तरफ सरकारी स्कूल के बच्चे इसका उचित लाभ नही ले पा रहे है क्यों कि गाँव के अभिभावकों के पास संचार साधनों की कमी होना एवं जागरूक पढ़े-लिखे न होना इसमें रूकावट जरूर ला रहा है।हालाँकि प्राइवेट संस्थान में पढ़ाने वाले अभिभावक इसमें रूचि ले रहे है।पढाई का ये नया तरीका थोड़ा महंगा भी है।आपके बच्चे को स्मार्ट किड बनाने के लिए थोड़ा जेब भी ढीली करनी पड़ सकती है,परन्तु इसकी संभावनाओं को देखते हुए लोग इसके लिए भी तत्तपर है।अभिभावक बच्चो के साथ मिलकर बच्चो को स्मार्ट बना रहे है।।

-आकिब जावेद
बाँदा,उत्तर प्रदेश

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