2122-1212-22
आज़र्दाह बहुत है कागज़ ये
आशुफ़्ता है गुलाम,दाना क्यों
ज़ाबिता है नही इन क़ातिल में
क़ौम का रहनुमा है ताज़ा क्यों
✍️आकिब जावेद
आज़र्दाह = उदास, दुःखित, खीजा हुआ, व्याकुल,बेचैन
आशुफ़्ता = बौख़लाया हुआ, घबराया हुआ, भ्रमित
दाना = बुद्धिमान, ज्ञान
गु़लाम = दास, छोकरा, किशोर
ज़ाबिता = नियम, रीति, अनुशासन, धर्मसंहिता
क़ौम= राष्ट्र
रहनुमा=
क़ातिल= हत्यारा, वधिक, गुप्तघातक
ताज़ा= नरम, प्रसन्न,
0 टिप्पणियाँ
Thanks For Visit My Blog.