सवाल ही सवाल यहाँ
हर एक सवाल में
अनगिनत सवाल छिपे हुये
जवाब कोई ढूंढ़ता ही नही
सिसकियाँ,सन्नाटा क्यू छाया हुआ
कंही बड़े तूफ़ान का अंदेशा तो नही
घोर घने बादलो के बीच
छुपा हुआ है कुछ
भयंकर काली रात के बीच
मन में डरा हुआ हैं कुछ
इस कुछ को ढूंढ लाओं
मन में उठ रहे सवाल मिटाओ।
#akib
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