चाँद की चाहत


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चाहत के अंदाज में निकला होगा चाँद,

देख कर तुझको फिर शर्माया होगा चाँद।

बैठ कर छत पर देखा करेगे उसको,

चाँद को देखकर पूछा करेगे तुझको।

बाते चाँद से पूछकर मुस्काया करेगे हम,

सब खैरियत है कहकर इठलाया करेगे हम।

पूरी रात की चाँद को तड़पा करेगे हम,

काली काली रात में क्या देखेगे हम।

चाँद सी प्यारी मूर्त को सोचा करेगे हम,

बातो ही बातो में नाम उसका बोला करेगे हम।

चाँद के मुखड़े को चाँद मुबारक,

वो ईद का चाँद है, चाँद को चाँद मुबारक।।

-आकिब जावेद,












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