बह्र: 2212, 2212
#एक शेर:
मैं ख़ार हूँ, सबको चुभा।
आईना हाथों में रखा।
-आकिब जावेद
"सपने वो नहीं जो नींद में देंखें,सपने वो हैं जो आपको नींद न आने दें - ए० पी०जे०अब्दुल कलाम "
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