साथी उनका

लब उनके अनकहे किस्से
राते अपनी यूँ मर्जी उनका

ख़ामोश लम्हे यूँ खुश्क हवाएं
अदावतें उनकी कहानी उनका

जूंझलाती हँसी थर्राती आवाज
बीते दिनों का है वो साथी उनका

उम्र की लकीरे तनी माथे पर
हमराही वही है साथी उनका

याद दिलाती वो पुरानी गालियाँ
दुकाने पुरानी वही झाँकी उनका

®आकिब जावेद

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